सांस्कृतिक मामलों का विभाग, केरल सरकार

सांस्कृतिक संस्थान


कुमारन आशान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कल्चर (कुमारन आशान राष्ट्रीय संस्कृति संस्थान)



प्रख्यात कवि कुमारन आशान की स्मृति में एक यथोचित स्मारक के निर्मान की योजना की घोषणा 1958 में आशान की वर्षगांठ समारोह के दौरान की गई। केरल में यह पहला अवसर था जब सरकार ने किसी कवि के घर को उसके स्मारक निर्माण हेतु चुना।

आशान म्यूजियम
आशान म्यूजियम में कवि की लगभग सारी रचनाओं की पांडुलिपियां, डायरियां जिनमें वे अपने दैनिक विचार लिखा करते थे और अंग्रेजी में लिखे नोट्स, और साथ ही विभिन्न लोगों के साथ उनके पत्राचार सहेज कर रखे गए हैं। राज्य आर्काइव्स विभाग ने उनके पुस्तकों के संरक्षण हेतु आवश्यक कदम उठाए हैं।

एक बहुमूल्य नोटबुक भी है जो पल्लना नदी में डूबे कवि के शरीर के साथ प्राप्त हुई थी जो ‘रिडीमर ट्रेजेडी’ (रिडीमर नामक नौका की दुर्घटना) के शिकार हुए थे। इस प्रदर्शित नोटबुक में जिसमें कवि ने करुणा लिखा था, वे पन्ने हैं जो कभी पानी में भींगे थे, जिनपर खूबसूरत लिखावट की स्याही फैली हुई है।

यहां प्रदर्शित वस्तुओं में प्रिंस ऑफ वेल्स द्वारा कवि के सम्मान में प्रदत्त एक रेशमी शॉल और एक सोने का कंगन भी है।

म्यूरल म्यूजियम
यहां एशिया का सबसे बड़ा म्यूरल आर्ट म्यूजियम (भित्तिचित्र कला का संग्रहालय) है। इस म्यूजियम में आशान की कविताओं - वीणपूवु, लीला, चिंताविष्टयाया सीता, चंडालभिक्षुकी, दुरवस्था और करुणा पर आधारित चित्र प्रदर्शित हैं।

प्रकाशन विभाग
आशान की रचनाओं के प्रामाणिक संस्करणों के अतिरिक्त प्रकाशन विभाग ने कवि की एक जीवनी और उनके लेखों का एक तीन-खंडों वाला संग्रह भी प्रस्तुत किए हैं जो विभिन्न समाचारपत्रों से ढूंढ‌कर संकलित किए गए हैं।

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