सांस्कृतिक मामलों का विभाग, केरल सरकार

सांस्कृतिक संस्थान


भारत भवन

अपनी भाषा, संस्कृति और कला का विकास करना और उसे आत्म-अभिव्यक्ति के लिए इसेत्माल करना हर समुदाय का आधारभूत अधिकार है और ऐसा अधिकार है जिसका इस्तेमाल करने पर इसे एक विशिष्ट पहचान मिलती है। सुसंस्कृत नागरिकों वाले लोकतांत्रिक समाज को संवृद्धि और अभिव्यक्ति के इन चैनलों द्वारा उद्भूत विचार के परस्पर विनिमय द्वारा सतत रूप से आगे बढ़ना चाहिए। भारत भवन एक सांस्कृतिक संस्था है जिसकी स्थापना समुदायों और संस्कृतियों के बीच बेहतरीन सहजीविता को प्रोत्साहित करने हेतु 1984 में हुई थी।

भारत भवन प्रशासनिक समिति का अध्यक्ष पदेन संस्कृति मंत्री होता है और संस्कृति विभाग का सचिव उपाध्यक्ष होता है। सदस्य सचिव और समिति के अन्य सदस्य सरकार द्वारा चुने गए और नियुक्त किए गए होते हैं।

अनुषंगी संगठन
भारत भवन के साथ औपचारिक या अनौपचारिक रूप से जुड़े आठ अल्पसंख्यक भाषा संगठन भवन की वित्तीय या गैर-वित्तीय सहायता से चलती हैं। ये संस्थाएं, जो सभी बड़े सराहनीय तरीके से काम काम कर रही हैं, इनमें हैं- तिरुवनंतपुरम तमिल संघम, तिरुवनंतपुरम बंगाली एसोसिएशन, तेलुगु संस्कृतिका संघम, तान सेन सुर संगम, कर्नाटक एसोसिएशन, ओड़िया एसोसिएशन और महाराष्ट्र मंडल।

भवन की गतिविधियों का एक संक्षिप्त विवरण
भारत भवन ने कई बेहतरीन कार्यक्रमों जैसे- बच्चों का नाटक महोत्सव (चिल्ड्रेंस ड्रामा फेस्टिवल); भारत भवन कला महोत्सव (भारत भवन आर्ट्स फेस्टिवल); सांस्कृतिक समारोह; नृत्य समारोह जैसे कि कोंकणी आर्ट्स फेस्टिवल; साइबेरिया के मोहक नृत्य का प्रदर्शन ‘साइबेरियन पैटर्न्स’; दूसरे राज्यों के विविध नृत्य रूपों का प्रदर्शन मरुनाडन नृत्यसंगमम नामक कार्यक्रम जैसे कि प्रसिद्ध कुचिपुडी और थोड़ा कम विख्यात सत्त्रिया का मंचन किया गया; गजल नाइट, वीणा वादन और हिंदुस्तारी संगीत कंसर्ट जैसे संगीत कार्यक्रम; भारतीय कवियों का सम्मेलन; कला, संस्कृति एवं साहित्य पर व्याख्याम माला; साहित्य परिचर्चाओं; त्रिभाषा संगमम; भाषा शिविरम; राष्ट्रीय एकीकरण कार्यशालाओं; हरियाणा में केरल महोत्सव; केरल में हरियाणा महोत्सव और स्क्रीनप्ले तथा फिल्म एप्रेसिएशन कैंपों (प्रशंसा शिविर) का आयोजन किया गया।

साथ ही इसने एक ‘हैंडबुक ऑन कल्चरल इंस्टीट्यूशंस इन केरल’ (केरल में सांस्कृतिक संस्थाओं पर पुस्तिका) तथा ‘कनक केरलम: चरित्रवुम वर्तमानवुम सूवनियर’ का भी प्रकाशन किया जिसमें संस्कृति, समाज और शिक्षा जगत की अग्रणी हस्तियों द्वारा रचित केरल के इतिहास, वर्तमान स्थिति और भविष्य के बारे में आलेख प्रस्तुत किए गए। राज्य संस्कृति विभाग के लिए केरल राज्य की स्थापना के गोल्डन जुबिली वार्षिकी के दौरान इस सूवनियर को प्रस्तुत किया गया।

2013 में भवन ने बेस्ट ट्रांसलेटर के लिए एक विवर्तक रत्नम अवार्ड (रु. 25,000/- और प्रशस्तिपत्र) की स्थापना की।