सांस्कृतिक मामलों का विभाग, केरल सरकार


डीम्ड यूनिवर्सिटी (मानित विश्वविद्यालय)

यह सपना वल्लत्तोल का था कि कलामंडलम को एक विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी) का दर्जा मिलना चाहिए। वह सपना आगे चलकर उनके निकट सहयोगी विश्व विख्यात कवि रवींद्रनाथ टैगोर के साथ मिलकर और भी मजबूत हुआ। लेकिन किसी न किसी कारण से यह सपना पूरा नहीं हो पाया। उस समय यह बहस चलता रहा कि क्या कलामंडलम को एक पारंपरिक विश्वविद्यालय की तरह होना चाहिए या इसे एक सांस्कृतिक विश्वविद्यालय होना चाहिए। लंबी बहस के बाद जाकर एक ‘डीम्ड यूनिवर्सिटी’ (मानित विश्वविद्यालय) का विचार सामने आया। इस संबंध में 2006 में एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार किया गया। 2007 में सरकार ने कलामंडलम को एक डीम्ड यूनिवर्सिटी (मानित विश्वविद्यालय) घोषित किया।

डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में कलामंडलम आज शोध के लिए एम.फिल के अलावा पोस्ट-ग्रेजुएट (स्नातकोत्तर) पाठ्यक्रम मुहैया करता है। आरंभ में कूटियाट्टम, कथकली और मोहिनीयाट्टम जैसे विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम मुहैया कराए गए।

शैक्षिक गतिविधियां
1992 तक, कलामंडलम द्वारा विभिन्न कला विषयों पर डिप्लोमा और पोस्ट-डिप्लोमा पाठ्यक्रम मुहैया कराए जाने लगे। 1990 में केरल की सरकार ने एक आदेश के जरिए कलामंडलम के परिसर में एक उच्च विद्यालय (हाई स्कूल) की स्थापना की घोषणा की। उच्च विद्यालय के बाद प्लस टू, डिग्री कोर्स (स्नातक - कोर्स) शुरू हुआ। कलामंडलम के एक डीम्ड यूनिवर्सिटी होने के साथ-साथ पोस्ट-ग्रेजुएट पाठ्यक्रम मुहैया कराए जाने लगा। पाठ्यक्रम को बोर्ड ऑफ स्टडीज के परामर्श से अकादमिक परिषद (अकैडमिक काउंसिल) ने तैयार किया जिसमें विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञ थे। कलामंडलम में विद्वान और प्रसिद्ध कलाकार अतिथि फेकल्टी के रूप में काम करते हैं। कलामंडलम के शिक्षकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स मुहैया कराए जाते हैं।