जबकि भारत के विभिन्न हिस्सों के कला रूपों में समानताएं रही हैं, केरल के कला रूप अपनी उल्लेखनीय विशिष्टताओं और धरोहर के साथ समृद्ध रहे हैं। प्राचीन काल से ही सौंदर्य को लेकर व्यक्तिगत और सामाजिक नजरिए में बदलाव के कारण कला की परिभाषा प्रभावित होती रही और उनके लालित्य को समृद्धि प्राप्त हुई। यहां केरल के विशिष्ट कला रूपों की एक झलक प्रस्तुत की गई है।