राज्य के संस्कृति विभाग के तत्वावधान में काम करने वाला एक स्वायत्तशासी सांस्कृतिक संस्थान।
केरल की ललित कलाओं के संरक्षण और विकास के उद्देश्य से इस अकादेमी की स्थापना 1962 में तृश्शूर जिले में की गई थी। अकादेमी के प्रथम अध्यक्ष थे एम राजा वर्मा राजा जो अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चित्रकार राजा रवि वर्मा के पुत्र थे। अकादेमी का लक्ष्य है चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी, ग्राफिक्स और कार्टून कला जैसी ललित कलाओं को प्रोत्साहन देना।
तृश्शूर स्थित इसके मुख्यालय भवन की परिकल्पना विख्यात आर्किटेक्ट लॉरि बेकर ने की थी। अकादमी की आर्ट गैलरियां राज्य में तिरुवनंतपुरम, कोट्टयम, आलप्पुष़ा, एरणाकुलम, कोडुंगल्लूर, नेडुम्बाश्शेरी, मलम्पुषा, मलप्पुरम, कालीकट (कोष़िक्कोड), तलश्शेरी, कान्जंगाड और मानन्तवाडि जैसे अनेक जगहों पर स्थित हैं।
1962 से लेकर 1997 तक, अकादमी ने एझिमला, वेली, पोन्मुडी, पुलिंक्कुन्नू और कासरगोड जैसे कई स्थानों पर नेशनल कैंप लगाए। भारतीय कला इतिहास की कई प्रख्यात हस्तियों ने इन कैंपों में शिरकत कीं, जिनमें प्रमुख हैं- गुलाम मोहम्मद शेख, सन्ताना राज, के.के. हेब्बार, डी.एल.एन. रेड्डी, रेड्डप्पा नायडू, सुधीर पटवर्धन, परमजीत सिंह, ए. रामचंद्रन, एस.जी. वासुदेव, अर्पणा कौर, मनु पारेख, आर.बी. भास्करन, प्रभाकर कोल्टे, जयराम पटेल, रुपेन खक्कर, सुरेंद्रन नायर और सी. डगलस, और इन सभी हस्तियों के कृतियां अब अकादमी के संग्रह का हिस्सा हैं। इस अकादमी में प्रशंसित चित्रकार के.सी.एस. पणिक्कर की कृति ‘पून्तोट्टम’ (उद्यान) सिरीज और एक और प्रशंसित चित्रकार स्वर्गीय टी.के. पद्मिनी के चित्रों में से अधिकांश प्रदर्शित हैं।
अकादमी ने चुनिंदा कलाकारों की कृतियां भी प्रकाशित कराई हैं। अन्य प्रकाशनों में शामिल हैं ‘चित्रवार्ता’ नामक एक मासिक बुलेटिन और इसी नाम से एक त्रैमासिक पत्रिका।
तृश्शूर स्थित अपने मुख्यालय में अकादमी का अपना आर्काइव्स और डॉक्युमेंटेशन सेंटर है। निकट भविष्य के कुछ प्रॉजेक्ट्स में शामिल हैं एक चेंगन्नूर में स्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक हस्तकला केंद्र (हैंडीक्राफ्ट सेंटर), आनक्करा कुंबिड़ी में एक ‘डिजिटल आर्ट्स विलेज’, किलिमानूर में राजा रवि वर्मा की कृतियों के प्रदर्शन वाला एक सांस्कृतिक केंद्र, कण्णूर जिले के श्रीकंडापुरम में काक्कण्णप्पारा में एक कला गांव (आर्ट्स विलेज), और कायमकुलम में एक कार्टून म्यूजियम।
हर साल यह अकादमी अनेक फेलोशिप और पुरस्कार वितरित करती है। इनमें शामिल हैं आर्किटेक्चरल डिजायन के लिए विश्व विख्यात आर्किटेक्ट लॉरि बेकर के नाम पर स्थापित पुरस्कार, और एक दूसरा पुरस्कार जे स्वामीनाथन के नाम पर जो जनजातीय और लोक कलाओं तथा हस्तशिल्प के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए है। यह अकादमी कुछ अन्य पुरस्कार भी प्रदान करती है जिनमें शामिल हैं सोनाभाई राजवर प्राइज, के.सी.एस. पणिक्कर प्राइज और पद्मिनी प्राइज।
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