मूर्तिकला के लिए पत्थरों, लकड़ी या मिट्टी के माध्यमों का उपयोग किया जाता है। केरल में कई प्रसिद्ध मूर्तिकार हुए। एम.वी. देवन, के.एस. राधाकृष्णन, एम.आर.डी. दत्तन, कानाई कुंजीरामन और बालन नंबियार उनमें प्रमुख हैं। मूर्ति तराशने में प्रयुक्त पत्थर के औजार केरल के अनेक भागों से प्राप्त हुए हैं। गुफा चित्रकारी और मूर्तिकला के साथ-साथ ये उस प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं जो कभी यहां फलती-फूलती रही थी। इन प्रस्तर उपकरणों की मदद से चट्टानों पर उकेरे गए और बनाए गए चित्रों को मूर्तिकला के प्राथमिक मॉडल्स माने जा सकते हैं।